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चाणक्य नीति: चाणक्य के अनुसार इन्हे सोता देख तुरंत जगा दें।

विद्यार्थी

यदि विद्यार्थी सोता रहेगा तो विद्या का अभ्यास कैसे करेगा।

सेवक

मालिक यदि सेवक को सोता देख लेगा तो उसे नौकरी से पृथक कर देगा।

मार्ग में चलने वाला पथिक

यदि यात्री रास्ते में सो जाएगा तो या तो उसकी चोरी हो जाएगी अथवा उसकी हानि कर दी जाएगी।

भूख से पीड़ित

स्वप्न में यदि कोई प्यास या भूख से व्याकुल है, तो उसे जगाना ही उसकी समस्या का समाधान है।

डरा हुआ व्यक्ति

यही बात स्वप्न में डरे हुए व्यक्ति पर भी लागू होती है।

भण्डार की रक्षा करने वाला द्वारपाल

भण्डार के रक्षक तथा द्वारपाल सो रहे हों तो इन्हें जगा देना ठीक रहता है, क्योंकि इनके सोने से इनकी ही नहीं अनेक लोगों की हानि होती है। आचार्य के इस कथन को शास्त्र के उन आदेशों से जोड़कर देखना चाहिए, जिनमें यह कहा गया है कि सोते हुए व्यक्ति को उठाना नहीं चाहिए। निंद्रा शारीरिक और मानसिक विश्राम की वह अवस्था है जो प्राणी को संतुलन की समुचित व्यवस्था देती है।

इसी संदर्भ में पशु और वृक्षों को सोते हुए से न जगाने और रात्रि के समय स्पर्श न करने का निर्देश किया गया है।

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