“मूर्ख शिष्य को उपदेश देने”

- चाणक्य

“दुष्ट-व्यभिचारिणी स्त्री का पालन-पोषण करने”

- चाणक्य

“धन के नष्ट होने तथा दुखी व्यक्ति के साथ व्यवहार रखने से”

- चाणक्य

“बुद्धिमान व्यक्ति को भी कष्ट उठाना पड़ता है।”

- चाणक्य

“चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति को ज्ञान देने से कोई लाभ नहीं होता”

- चाणक्य

“अपितु सज्जन और बुद्धिमान लोग उससे हानि ही उठाते हैं।”

- चाणक्य

“इसी प्रकार दुष्ट और कुलटा स्त्री का पालन-पोषण करने से”

- चाणक्य

“सज्जन और बुद्धिमान व्यक्तियों को दुख ही प्राप्त होता है।”

- चाणक्य

ऐसे लोगों को लक्ष्मी त्याग देती है।