- चाणक्य
“अगर आप किसी नौकर को परखना चाहते हैं तो उससे काम करवा कर देखें”
- चाणक्य
“जब व्यक्ति किसी मुसीबत में फंसा हो तो”
- चाणक्य
“उस समय भाई बधुओं और रिश्तेदारों को परखा जा सकता है”
- चाणक्य
“अगर आप आप अपने मित्र को परखना चाहते हैं कि वह सच्चा मित्र है या नहीं तो”
- चाणक्य
“विपत्ति या दुःख आने पर उसे परखें”
- चाणक्य
“अपनी पत्नी को परखने का सही समय तब होता है जब घर में धन की कमी होती है।”
- चाणक्य
“इस बात का पता चल जाता है कि उसका प्रेम धन के कारन था या वास्तविक”
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