- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार ऐसे स्थान लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं।”
- चाणक्य
“जहां मूर्यों की पूजा नहीं होती”
- चाणक्य
“जो लोग-देश अथवा देशवासी, मूर्ख लोगों की बजाय गुणवानों का आदर-सम्मान करते हैं”
- चाणक्य
“जहां अन्न आदि काफी मात्रा में इकट्ठे रहते हैं”
- चाणक्य
“अपने गोदामों में भली प्रकार अन्न का संग्रह करके रखते हैं”
- चाणक्य
“जहां पति-पत्नी में किसी प्रकार की कलह, लड़ाई-झगड़ा नहीं”
- चाणक्य
“उन लोगों की संपत्ति अपने-आप बढ़ने लगती है।”
- चाणक्य
“ऐसे स्थान पर लक्ष्मी स्वयं आकर निवास करने लगती है।”
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