“बुद्धि का ही फल ऐश्वर्य है।”
- चाणक्य
“संसार में बुद्धिमान मनुष्य को ही सुख की प्राप्ति होती है।”
- चाणक्य
“वस्तुतः बुद्धिमान व्यक्ति को ही संसार में श्रेष्ठ और बलवान् माना जाता है।”
- चाणक्य
“शरीर से बलवान होना प्रायः उतना लाभदायक नहीं होता जितना बुद्धिमान होना”
- चाणक्य
“संसार के सभी प्राणी खानङ्केपाना, सोने, उठने, बैठने में एक समान हैं”
- चाणक्य
“परंतु मनुष्य की बुद्धि ही उससे अन्य प्राणियों से अलगा करती है”
- चाणक्य
“और उसकी श्रेष्ठता सिद्ध करती है।”
- चाणक्य
“बुद्धिमान व्यक्ति की ही इस संसार में पूजा होती है।”
- चाणक्य
“उसे आदर और सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।”
- चाणक्य
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चाणक्य ने बताए रोगों से बचने के उपाय
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