- चाणक्य
“जो आलसी है उसके लिए चाणक्य ने कही ये महत्वपुर्ण बात”
- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार अलसी व्यक्ति कभी भी ऐश्वर्य प्राप्त नहीं कर सकता”
- चाणक्य
“अलसी व्यक्ति व नेता न तो अपने राज्य को विकसित कर सकता है न ही समृद्धशाली बना सकता है।”
- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार सत्य में निष्ठा न होना ही आलस्य है।”
- चाणक्य
“जो व्यक्ति सत्यहिन है वह सदा ऐसे कार्य करता है जो करने लायक नहीं होते। ”
- चाणक्य
“और उपयुक्त कार्यों को करता हुआ आलस्य दिखता है”
- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार आलस्य ही मनुष्य के शरीर में रहने वाला सबसे बड़ा शत्रु है।”
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