- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार ये 3 चीजें कष्टदायक होती है।”
- चाणक्य
“मूर्खता अत्यंत दुखदायी होती है। यानि मुर्ख होना कष्टदायी होता है।”
- चाणक्य
“क्योंकि वह स्वयं को अपनों और दूसरों को एक सम्मान हानि पहुँचाता है।”
- चाणक्य
“जवानी यानि यौवन को भी चाणक्य ने दुखदायी बताया है।”
- चाणक्य
“क्योंकि उसमे व्यक्ति काम, क्रोध आदि विकारों के आवेग में उत्तेजित होकर कोई भी मूर्खतापूर्ण कार्य कर सकता है।”
- चाणक्य
“जिसके कारण उसके अपनों और दूसरों को अनेक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं।”
- चाणक्य
“चाणक्य ने कहा है कि किसी दूसरे के घर में रहना इन दोनों से ज्यादा कष्टदायी है।”
- चाणक्य
“क्योंकि दूसरे के घर में रहने से व्यक्ति की स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है।”
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