- चाणक्य

“इनका सम्मान मां की तरह करना चाहिए”

- चाणक्य

“राजा की पत्नी अर्थात शासनकर्ता की पत्नी का सम्मान अपनी माँ के समान करना चाहिए।”

- चाणक्य

“गुरु की पत्नी का सम्मान भी अपनी माँ की तरह करना चाहिए”

- चाणक्य

“मित्र की पत्नी का सम्मान अपनी माँ की तरह करना अनिवार्य है”

- चाणक्य

“पत्नी की माता का सम्मान यानि सास का सम्मान माँ की तरह करना चाहिए।”

- चाणक्य

“और जन्म देने वाली माता का सम्मान भगवान की तरह करना चाहिए।”

- चाणक्य

“न्याय करते हुए भी इन संबंधों को 'माँ' की परिभाषा में ही स्वीकार किया जाता है।”

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