“चाणक्य के अनुसार ऐसी जगह निवास नहीं करना चाहिए”
- चाणक्य
“जहां लोकयात्रा अर्थात जीवन को चलाने के लिए आजीविका का कोई साधन न हो”
- चाणक्य
“व्यापार आदि विकसित न हो”
- चाणक्य
“किसी प्रकार के दंड के मिलने का भय न हो”
- चाणक्य
“लोकलाज न हो”
- चाणक्य
“व्यक्तियों में शिष्टता न हो”
- चाणक्य
“व्यक्तियों में शिष्टता न हो”
- चाणक्य
“उदारता न हो अर्थात उनमें दान देने की प्रवृत्ति न हो”
- चाणक्य
“जहां ये पांच चीजें विद्यमान न हों”
- चाणक्य
“वहां व्यक्ति को निवास नहीं करना चाहिए।”
- चाणक्य
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चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति का घर हमेशा सुखी रहता है।
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