“ऐसे स्थान पर मनुष्य को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।”

- चाणक्य

“जहां श्रोत्रिय अर्थात वेद को जानने वाला ब्राह्मण”

- चाणक्य

“धनिक, धनवान लोगों से व्यापार की वृद्धि होती है”

- चाणक्य

“राजा, राजा न्याय और शासन-व्यवस्था को स्थिर रखता है।”

- चाणक्य

“नदी, जल तथा सिंचाई के लिए नदी आवश्यक है”

- चाणक्य

“वैद्य, वैद्य की आवश्यकता होती है”

- चाणक्य

“ये पांच चीजें न हों, उस स्थान पर मनुष्य को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए।”

- चाणक्य

ये काम करने से बुद्धिमान को कष्ट उठाना पड़ सकता है।