- चाणक्य
“जिंदगी के कुछ अनमोल सत्य”
- चाणक्य
“उद्योग अर्थात पुरुषार्थ करने वाला व्यक्ति दरिद्र नहीं हो सकता”
- चाणक्य
“जो व्यक्ति निरंतर परिश्रम करते रहते हैं, उनकी गरीबी स्वयं दूर हो जाती है।”
- चाणक्य
“प्रभु का नाम जपते रहने से मनुष्य पाप में लिप्त नहीं होता”
- चाणक्य
“मौन रहने पर लड़ाई-झगड़े नहीं होते”
- चाणक्य
“तथा जो व्यक्ति जागता रहता है अर्थात सतर्क रहता है”
- चाणक्य
“उसे किसी प्रकार का भय नहीं रहता।”
- चाणक्य
“उसे किसी प्रकार का भय नहीं रहता।”
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