“ चाणक्य के अनुसार ये चीजें अपने आप फ़ैल जाती हैं। ”
- चाणक्य
“जल पर तेल”
- चाणक्य
“पानी पर यदि तेल की बूंद डाली जाएगी तो वह बूंद के रूप में न रहकर उस पर फैल जाएगी”
- चाणक्य
“दुष्ट व्यक्ति के पास गुप्त वार्ता”
- चाणक्य
“इसी प्रकार दुष्ट व्यक्ति के पास कोई रहस्य गुप्त नहीं रह सकता।”
- चाणक्य
“सुपात्र व्यक्ति को दिया गया दान”
- चाणक्य
“बुद्धिमान का शास्त्रज्ञान”
- चाणक्य
“ये सब अपने आप अपनी विशेषता के कारण चारों ओर फैल जाते हैं।”
- चाणक्य
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चाणक्य ने अतीत और भविष्य के बारे में कही ये बातें।
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