“हर समय ना रहें इन चीजों के पास”
- चाणक्य
“राजा, अग्नि, गुरु और स्त्री ”
- चाणक्य
“इनके पास हर समय नहीं रहना चाहिए”
- चाणक्य
“ऐसा करने से मनुष्य को हानि हो सकती है।”
- चाणक्य
“परंत इनसे दूर रहने से भी मनष्य को कोई लाभ नहीं होता”
- चाणक्य
“सोच-समझकर बीच का रास्ता अपनाना चाहिए-इसी को मध्यम मार्ग कहते हैं”
- चाणक्य
“मध्यम मार्ग का अर्थ है”
- चाणक्य
“कि व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा विचार में न तो अधिक लिप्त होना चाहिए”
- चाणक्य
“और न ही उसका सर्वथा परित्याग करना चाहिए।”
- चाणक्य
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चाणक्य के अनुसार ये चीजें अपने आप फ़ैल जाती हैं।
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