“आने वाले कष्ट को दूर करने के लिए”
- चाणक्य
“जो पहले से ही तैयार रहता है”
- चाणक्य
“और जो विपत्ति आने पर उसे दूर करने का उपाय सोच लेता है”
- चाणक्य
“ये दोनों प्रकार के व्यक्ति अपने सुख की वृद्धि
करते हैं”
- चाणक्य
“तथा जो यह सोचता है कि जो भाग्य में लिखा है वही होगा”
- चाणक्य
“ऐसा व्यक्ति नष्ट हो जाता है।”
- चाणक्य
“चाणक्य ने कहा है कि संकट आने से पूर्व जो व्यक्ति बचाव का उपाय कर लेता है”
- चाणक्य
“और जो संकट आने पर तत्काल आत्मरक्षा का उपाय कर लेता है”
- चाणक्य
“ये दोनों सुख से जीवन बिताते हैं”
- चाणक्य
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चाणक्य ने अतीत और भविष्य के बारे में कही ये बातें।
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