- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति के लिए पृथ्वी स्वर्ग के सम्मान है।”
- चाणक्य
“चाणक्य के अनुसार जिसका बेटा वश में रहता है उसके लिए इससे बड़ा सुख कोई नहीं।”
- चाणक्य
“पत्नी पति के अनुरूप कार्य करती है उसके लिए यही सबसे बड़ा स्वर्ग है।”
- चाणक्य
“जो व्यक्ति अपने धन या आमदनी को लेकर प्रसन्न है उसके लिए इससे बड़ा कोई और सुख नहीं।”
- चाणक्य
“जिसे लोभ-लालच और अधिक कमाने की चाह नहीं उसके लिए पृथ्वी स्वर्ग समान है।”
- चाणक्य
“जिसे अपनी रुचि के अनुसार काम मिल गया हो, उसके लिए इससे बड़ी खुशी और कोई नहीं हो सकती।”
- चाणक्य
“ऐसे लोगों के लिए पृथ्वी ही सब कुछ है।”
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