- चाणक्य

“चाणक्य के अनुसार यह होता है सबसे मजबूत रिश्ता”

- चाणक्य

“इस संसार में बहुत से बंधन हैं, परंतु प्रेमरूपी रस्सी का बंधन कुछ विचित्र होता है। ”

- चाणक्य

“लकडी को छेदने की शक्ति रखने वाला भौंरा भी कमल के फल में बंद होकर निष्क्रिय हो जाता है।”

- चाणक्य

“कमल की पंखुड़ियों को काटने की उसमें शक्ति होती है, परंतु उनके प्रति ”

- चाणक्य

“अतिरेक प्रेम- भावना होने के कारण वह ऐसा नहीं करता। ”

- चाणक्य

“संसार में मनुष्य अनेक प्रकार के बंधनों में बंधा हुआ है, परंतु सबसे मजबूत बंधन प्रेम का होता है ”

- चाणक्य

“मनुष्य प्रेम के पाश में बंधा हुआ सब कष्ट उठाने के लिए तैयार हो जाता है अर्थात वह प्रेम के बंधन से मुक्त नहीं हो पाता।”

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