“चाणक्य ने बताए रोगों से बचने के उपाय”
- चाणक्य
“भोजन के पच जाने पर ही जो व्यक्ति भोजन करता है”
- चाणक्य
“वह रोगों से बचा रहता है।”
- चाणक्य
“मनुष्य का शरीर रोगों का घर है”
- चाणक्य
“परंतु रोगों से बचने का उपाय यह है कि”
- चाणक्य
“व्यक्ति अपनी क्षमता से अधिक भोजन न करे”
- चाणक्य
“जो व्यक्ति आवश्यकता से अधिक भोजन करते हैं, वे सदैव बीमार रहते हैं”
- चाणक्य
“एक-न-एक रोग उन्हें घेरे रहता है।”
- चाणक्य
“कहा भी गया है-'शरीरं व्याधि मंदिरम्'।।”
- चाणक्य
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चाणक्य के अनुसार देर रात तक क्यों नहीं जगाना चाहिए
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