- चाणक्य

“चाणक्य के अनुसार यदि ये सोते दिखें तो इन्हे तुरंत जगा दें।”

- चाणक्य

“अगर विद्यार्थी अपने कार्यकाल में सो रहा है तो उसे तुरंत जगा देना चाहिए।”

- चाणक्य

“सेवक या नौकरी वाला व्यक्ति को भी सोता देख जगा दें। क्योंकि अगर मालिक देख लेगा तो नौकरी नहीं रहेगी।”

- चाणक्य

“मार्ग में चलने वाले पथिक को भी जगा देना चाहिए। क्योंकि उसके सामान आदि चोरी होने का डर होता है।”

- चाणक्य

“स्वप्न में यदि कोई प्यास या भूख से व्याकुल है, तो उसे जगाना ही उसकी समस्या का समाधान है।”

- चाणक्य

“स्वप्न में डरे हुए व्यक्ति को भी जगा देना चाहिए।”

- चाणक्य

“भण्डार के रक्षक तथा द्वारपाल सो रहे हों तो इन्हें जगा देना ठीक रहता है”

- चाणक्य

“इनके सोने से इनकी ही नहीं अनेक लोगों की हानि होती है।”

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